आवाज़अल्मोड़ा,सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने अल्मोड़ा के स्वास्थ्य सेवाओं में चल रही खामियों के खिलाफ आवाज उठाई है। उन्होंने चार महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है, जो स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य और भलाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।एनिस्थिसिया के पदों की भारी कमी: अल्मोड़ा में एनिस्थिसिया के कई पद खाली हैं,जिसके कारण सर्जिकल प्रक्रियाओं में देरी हो रही है। पाण्डे ने सरकार से तुरंत नई नियुक्तियों की मांग की है, ताकि ऑपरेशन का कार्य सुचारु रूप से चल सके।नाक, कान और गले के ऑपरेशनों की अनुपस्थिति: पिछले एक वर्ष में नाक, कान और गले के किसी भी ऑपरेशन का न होना अत्यधिक चिंता का विषय है। इससे मरीजों को इलाज के लिए अन्य स्थानों पर जाना पड़ रहा है। पाण्डे ने इस स्थिति के त्वरित समाधान के लिए एक योग्य सर्जन की नियुक्ति की आवश्यकता जताई है।मानसिक रोग विशेषज्ञ की कमी: जिले में मानसिक रोग विशेषज्ञ की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को इलाज के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है, जिससे उनका समय और संसाधन दोनों बर्बाद हो रहे हैं। पाण्डे ने इस दिशा में एक नए मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ की नियुक्ति की मांग की है।महिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की समस्याइस समय महिला अस्पताल में पिछले 1 महीने से नियमित अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे हैं जिससे गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि महिला अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट की तैनाती अभी नहीं हुई है इनकी प्रतिस्थानी डॉक्टर आराधना नेगी ने अभी तक अपना कार्यभार ग्रहण नहीं किया है जिनका तबादला बागेश्वर अस्पताल से अल्मोड़ा महिला अस्पताल में हुआ है। अतः जनहित में इनकी शीघ्र न्युक्ति की आवश्यकता है।उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से जनहित में त्वरित कार्रवाई करने की अपील की, ताकि अल्मोड़ा के नागरिकों को बेहतर और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
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